पुराण

"पुराण" शब्द संस्कृत के "पुरा + नवम्" से बना है, जिसका अर्थ होता है – "प्राचीन कथाएँ जो नवीन रूप से प्रस्तुत की गई हैं।"
पुराणों में भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, सृष्टि की उत्पत्ति, अवतारों की कथाएँ, ऋषि-मुनियों की शिक्षाएँ और लोकाचार का विस्तृत वर्णन मिलता है।

 पुराणों की परिभाषा:

पुराण पंचलक्षण युक्तम्
प्रत्येक पुराण में पाँच मुख्य विषय होते हैं:

  1. सर्ग (सृष्टि की रचना)

  2. प्रतिसर्ग (पुनः सृष्टि)

  3. वंश (देवताओं और मनुष्यों के वंश)

  4. मन्वंतर (मनुओं की कालगणना)

  5. वंशानुचरितम् (राजाओं की वंशावलियाँ)

पुराणों का वर्गीकरण:

🕉️ 18 महापुराण:

पुराण प्रमुख विषय प्रमुख देवता
1. ब्रह्मपुराण सृष्टि और तीर्थ ब्रह्मा
2. पद्मपुराण तीर्थ, धर्म, शिव कथा विष्णु
3. विष्णुपुराण अवतार, सृष्टि विष्णु
4. शिवपुराण शिव महिमा शिव
5. भागवतपुराण कृष्ण अवतार विष्णु
6. नारदपुराण भक्ति, धर्म विष्णु
7. मार्कण्डेयपुराण दुर्गा सप्तशती देवी
8. अग्निपुराण विविध ज्ञान अग्नि
9. भविष्यपुराण भविष्यवाणी, धर्म सूर्य
10. ब्रह्मवैवर्तपुराण राधा-कृष्ण कथा विष्णु
11. लिंगपुराण शिवलिंग की महिमा शिव
12. वराहपुराण वराह अवतार विष्णु
13. स्कंदपुराण तीर्थ और कार्तिकेय कथा शिव
14. वामनपुराण वामन अवतार विष्णु
15. कूर्मपुराण कूर्म अवतार विष्णु
16. मत्स्यपुराण मत्स्य अवतार विष्णु
17. गरुड़पुराण मृत्यु और कर्म सिद्धांत विष्णु
18. ब्रह्माण्डपुराण ब्रह्मांड रचना, ललिता कथा देवी

 

 पुराणों का महत्व:

  • धार्मिक शिक्षाएँ – पूजा, व्रत, यज्ञ आदि की विधियाँ।

  • लोक कथाएँ – राम, कृष्ण, शिव, दुर्गा आदि की लीलाएँ।

  • नैतिक शिक्षा – जीवन आदर्शों, नीति और कर्तव्यों का बोध।

  • भक्ति मार्ग – भगवान से प्रेम, सेवा और भक्ति की प्रेरणा।

 

 विशेष जानकारी:

  • श्रीमद्भागवत पुराण को "पुराणों का राजा" कहा जाता है।

  • गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद की यात्रा और कर्मफल का वर्णन करता है।

  • स्कंद पुराण सबसे बड़ा पुराण है (81,000 से अधिक श्लोक)।

 

"पुराण भारत की आत्मा हैं – यह धर्म, संस्कृति और लोक जीवन के संवाहक हैं।"