महा मृत्युंजय मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

गायत्री मंत्र:

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र:

न– पृथ्वी तत्व, म– जल तत्व, शि– अग्नि तत्व, वा– वायु तत्व, य– आकाश तत्व।

हमारे बारे में: सनातन के गौरव, उत्थान और प्रसार को समर्पित संस्था

वैश्विक सनातन सेवा समिति ( रजि.)

वैश्विक सनातन सेवा समिति की स्थापना 22 जनवरी 2024 को हुई. इसी दिन भगवान श्री राम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में बिराजमान हुए इस सेवा समिति की स्थापना कवि एवं आध्यात्मिक वक्ता पद्म श्री डॉ सुनील जोगी जी ने की है। वैश्विक सनातन सेवा समिति एक विश्व स्तर की संस्था है, जो सनातन धर्म के उत्थान एवं प्रचार प्रसार हेतु कार्य करती है. यह एक गैर सरकारी धर्मार्थ ट्रस्ट है, यह समिति सनातन धर्म के सभी अनुयायियों के बीच की जात-पात और धर्म के भेदभाव को मिटाते हुए भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा करने का संकल्प लेती है.

संस्था की गतिविधियाँ:

📌 निःशुल्क धार्मिक पुस्तकें और ग्रंथों का वितरण।
📌 गौशाला निर्माण और गौसेवा अभियान।
📌 हिंदू पर्व-त्योहारों के महत्व पर विशेष संगोष्ठियाँ।
📌 गुरुकुल पद्धति को पुनर्जीवित करने के प्रयास।
📌 योग, ध्यान और प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति का प्रचार।

संस्था से जुड़ने के लिए

"धर्मो रक्षति रक्षितः" – जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।
जो भी सनातन धर्म के उत्थान, गौरव और प्रचार में योगदान देना चाहता है, वह इस संस्था से जुड़ सकता है।

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सहायता के लिए सम्पर्क करें!

+91-9811005255

संगठन के कार्यक्रम

वैश्विक सनातन सेवा समिति ( रजि.) द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से संगठन सनातन धर्म के महत्त्व को प्रमोट करता है और लोगों को इसे स्वीकारने के लिए प्रेरित करता है।


वैश्विक सनातन सेवा समिति ( रजि.) द्वारा आयोजित की गई विभिन्न कार्यक्रम और कार्यशालाएं समाज को आध्यात्मिकता और प्राचीन विचारधारा की ओर प्रवृत्त करने का प्रयास कर रही हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से संगठन समाज को आध्यात्मिकता की महत्ता समझाने का कार्य करता है।

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सनातन के सिपाही


"सनातन के सिपाही" उन महान विभूतियों, संतों, योद्धाओं और भक्तों को कहा जा सकता है जिन्होंने सनातन धर्म की रक्षा, प्रचार और उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। ये सिपाही सिर्फ शस्त्रधारी योद्धा ही नहीं बल्कि ज्ञान, भक्ति और सेवा से धर्म की रक्षा करने वाले महापुरुष भी होते हैं।

🚩 हर सनातनी को अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना चाहिए! 🚩


सनातन के प्रेरणादायक


सनातन धर्म में अनेक प्रेरणादायक व्यक्तित्व, ग्रंथ, और सिद्धांत हैं जो जीवन को एक दिशा देने और आत्मिक उन्नति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रेरणादायक तत्व दिए गए हैं:

सनातन ज्ञान माला

सनातन धर्म, वेद, पुराण, उपनिषद, गीता, रामायण, महाभारत और अन्य शास्त्रों से जुड़े ज्ञान का एक संग्रह या श्रंखला। यह भारतीय संस्कृति, दर्शन, धार्मिक परंपराओं, आध्यात्मिकता और सनातन सत्य से संबंधित ज्ञान का भंडार है।
सनातन ज्ञान माला के प्रमुख विषय:
वेद और उपनिषद: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद तथा उपनिषदों का ज्ञान।
गीता का ज्ञान: श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों और उनके आध्यात्मिक अर्थ।
रामायण और महाभारत: धर्म, कर्म और नीति का ज्ञान।
पुराणों की कथाएँ: विष्णु पुराण, शिव पुराण, देवी भागवत, श्रीमद्भागवत आदि।
योग और ध्यान: पतंजलि योगसूत्र, प्राणायाम और ध्यान साधनाएँ।
धर्मशास्त्र और नीतिशास्त्र: मनुस्मृति, चाणक्य नीति, हितोपदेश।
भारतीय संस्कृति और परंपराएँ: वैदिक संस्कार, पूजा पद्धतियाँ, पर्व और त्योहार।
अध्यात्म और मोक्ष: आत्मा-परमात्मा, अद्वैत-वेदांत, भक्ति और ज्ञान मार्ग।

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